Monday, August 17, 2009

आराम करो आराम करो



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आराम ज़िन्दगी की कुंजी, इस से ना तपेदिक होता है
आराम सुधा की एक बूँद तन का दुबलापन खोता है
आराम शब्द में राम छिपा जो भव बंधन को खोता है
आराम शब्द का ज्ञाता तो विरला ही योगी होता है
इस लिए तुम्हे समझाता हूँ मेरे अनुभव से काम करो
ये जीवन यौवन क्षणभंगुर आराम करो आराम करो

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गोपाल प्रसाद व्यास

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